कड़कनाथ पोल्ट्री / मुर्गी फार्मिंग

कड़कनाथ पोल्ट्री / मुर्गी फार्मिंग

कड़कनाथ पोल्ट्री / मुर्गी फार्मिंग :-:- निगम द्वारा "आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण " रोजगार व स्वरोजगार प्रशिक्षण कर्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है | जिसमे अभ्यर्थी को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता को 2.5 लाख रूपये का निःशुल्क दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया जाता है | प्रशिक्षण केंद्र में कुशल प्रशिक्षणार्थियों व डॉक्टरों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है जिसमें रहने खाने की व्यवस्था निगम द्वारा की जाती है | प्रशिक्षण पूर्ण होने पर अभ्यार्थी को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जिसमे वह अपनी ग्राम पंचायत में "स्वरोजगार" कर अपनी आजीविका चला सकता है साथ ही निगम में रहकर रोजगार कर सकता है |

रजिस्ट्रेशन शुल्क :- 1000/-
योग्यता :- न्यूनतम 10वीं पास
प्रशिक्षण शुल्क :- 11000/- रूपये
अवधि :- 15 दिवस
रहना खाना :- निःशुल्क
सुरक्षा राशि :- निःशुल्क

निगम में नियुक्ति एवं चयन का आधार :- प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीण पृष्ठ भूमि के स्थानीय निवासी को वरीयता दी जाती है, चयन होने के पश्चात् जो प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण पूर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेता है जिसमे वह अपनी ग्राम पंचायत में "स्वरोजगार" कर अपनी आजीविका चला सकता है साथ ही निगम में रहकर रोजगार कर सकता है |

चयन की सूचना :- आवेदक द्वारा दी गयी जानकारी एवं दसवीं कक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर काउंसलिंग कर प्रशिक्षण चयन की सूचना आवेदक की रजिस्टर्ड मेल आई डी / मोबाइल द्वारा भेजी जाती है |

विशेषताएँ :- कुशल प्रशिक्षकों व डॉक्टरों द्वारा प्रशिक्षण |
सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण |
पशुपालन व्यवस्था को बढ़ावा देना |

कड़कनाथ पोल्ट्री / मुर्गी फार्मिंग प्रशिक्षण विवरण :- कड़कनाथ मुर्गी फार्म में निम्न विषयों पर सशुल्क प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
• कुक्कुट पालन - सामान्य जानकारी
• कुक्कुट पालन में प्रयुक्त होने वाले उपकरण
• कड़कनाथ - जीवन परिचय
• कड़कनाथ विशेषता एवं महत्व
• आवास निर्माण (शेड) की जानकारी
• कड़कनाथ कुक्कुट प्रबंधन
• कड़कनाथ कुक्कुट आहार - जानकारी एवं प्रकार
• कड़कनाथ कुक्कुट पालन हेतु मौसम अनुसार प्रबंधन
• कड़कनाथ कुक्कुट - अंडा देने वाली मुर्गियों का प्रबंधन


नोट :- निगम द्वारा चलाये जाने वाले प्रशिक्षण रोजगार कार्यक्रम जिला स्तर पर “पशुपालन ज्ञान केंद्र” से संचालित किये जाते है |